प्रातः वंदन स्टेट्स Good morning status hindi 2021शुभ प्रभात
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*शत्रुता में जीना नर्क है...*
*तुम जितनी शत्रुता अपने चारों ओर बनाते हो,*
*उतना तुम्हारा नर्क बड़ा हो जाता है...*
*तुम जितनी मित्रता अपने चारों तरफ*
*बनाते हो,उतना स्वर्ग खड़ा हो जाता है*
*स्वर्ग मित्रों के बीच जीने का नाम है...*
*नर्क शत्रुओं के बीच जीने का नाम है..*
*और सब तुम पर निर्भर है जीवन की कश्ती ने सोच-समझकर चलना यारो*
*जब चलती है तो किनारा नही मिलता और जब डूबती है तो सहारा नही मिलता*
शुभ प्रभात ☀️⛅
*रूबरू होना पड़ता है*
*तकलीफों से यूँही कोई*
*काबिल-ए-तारीफ नही होता.*
*बाहर रिश्तों का मेला है..*
*भीतर हर शख्स अकेला है..*
*दोस्तों यही जिंदगी का झमेला है*
*वक्त की धारा में अच्छे अच्छों को मजबूर होता देखा है*
*कर सको तो किसी को खुश करो*
*दुःख देते हुए तो हजारों को देखा है*
🌷 *सुप्रभात* 🌷
*"अनुमान" गलत हो सकता है पर*
*"अनुभव" कभी गलत नहीं होता*
*क्योंकि....*
*"अनुमान" हमारे मन की "कल्पना" है*
*और "अनुभव" हमारे जीवन की "सीख" है*
🌹 *सुप्रभातम* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*खुद में झाँकने के लिए*
*ज़िगर चाहिए जनाब,*
*दूसरों की शिनाख्त में तो*
*हर शख्स माहिर है.!*
*खूबसूरत है वो हाथ..*
*जो मुश्किल के वक़्त..*
*किसी का सहारा बन जाये..*
*खूबसूरत है वो जज्बात..*
*जो दूसरों की भावनाओं..*
*को समझ जाये..*
*खूबसूरत है वो आँखे..*
*जिनमे किसी के खूबसूरत..*
*ख्वाब समां जाये..*
*खूबसूरत है वो दिल..*
*जो किसी के दुःख मे..*
*शामिल हो जाये..*
🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*बोलना और प्रतिक्रिया..*
*करना जरूरी है लेकिन..,*
*संयम और सभ्यता का..*
*दामन नहीं छूटना चाहिये..!!*
*जो इंसान जितना*
*ख़ामोश रहता है...*
*वो अपनी इज्जत*
*को उतना ही महफ़ूज* *रखता है......*
*साँसे किसी का इंतज़ार नहीं करतीं !*
*चलती हैं...या चल देती हैं !!*
*चिंता इतनी कीजिए*
*की काम हो जाए*
*पर इतनी नही की*
*जिंदगी तमाम हो जाए*
*ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है,*
*जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये,*
*ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,*
*सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये..!!*
🌸 *सुप्रभात* 🌸
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*किसी से रिश्ता क्या है....*
*ये हमें मालूम हो जरुरी तो नहीं..*
*हाँ उस रिश्ते में कितना अपनापन है...*
*ये महसूस होना जरुरी है.*
*होना चाहिए एक साथी ऐसा भी ज़िन्दगी मे*
*जो अलग हो दायरों से*
*सामाजिक रिवाज़ों से*
*बांटते हर वख्त जिससे अपना अंतर्मन*
*ये ख़्याल ही न आयेकी वो सखी है या सखा*
*जो समझे आपको आपकी ही तरह*
*मिलकर जिससे लगे जैसे हो गयी हो*
*ख़ुद से ही ख़ुद की मुलाकात*
*जब हम रिश्तों के लिए वक़्त*
*नहीं निकाल पाते,,, तो वक़्त*
*हमारे बीच से रिश्ता निकाल देता है!!*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*अहम जिनमें*
*कम होता हैं*
*अहमियत*
*उनकी उतनी ही ज्यादा होती है !*
*एक सुखद जीवन के लिए,*
*मस्तिष्क में सत्यता,*
*होठों पर प्रसन्नता और*
*हृदय में पवित्रता जरूरी हैं*
*सच्चे लोगो पर भी,*
*उतना ही विश्वास रखिये साहब..*
*जितना दवाइयों पर रखते हैं...*
*बेशक थोड़े कड़वे होंगे..*
*पर आपके लिये फ़ायदेमंद ही होंगे!!*
*हमेशा अपनी छोटी छोटी*,
*गलतियों से बचने की कोशिश करें।*
*क्योंकि,,,,*
*इंसान कभी भी पहाड़ों से नहीं,*
*छोटे छोटे पत्थरों से ठोकर खाता हैं।।*
🍁 *सुप्रभात* 🍁
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*समझ...ज्ञान से ज्यादा गहरी होती है*
*बहुत से लोग आपको जानते हैं.*
*परंतु कुछ ही आपको समझते है.*
*"हमें अक्सर*
*महसूस होता है*
*कि दूसरों का जीवन*
*अच्छा है लेकिन,,,,,*
*हम ये भूल जाते है कि*
*उनके लिए*
*'हम भी दूसरे ही है...*
*मुस्कराना जिन्दगी का वो खुबसूरत लम्हा है..*
*जिसका अंदाज सब रिश्तों से अलबेला है..!*
*जिसे मिल जाये वो तन्हाई में भी खुश,*
*और जिसे ना मिले*
*वो भीड़ में भी अकेला है..!!*
*अगर आपको वह "फसल" पसन्द नहीं है*
*जो आप काट रहे हैं,,,*
*तो बेहतर होगा उन "बीजों" की जांच करें, जो आप बो रहे हैं...*
*जीवन की सफलता का पहला राज की सबसे पहले ख़ुद पर यक़ीन करना सीखो*
🍁 *सुप्रभात* 🍁
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*युग-युगांतर से जीवन का यही विधान है,*
*जिंदगी ही समस्या है और...*
*जिंदगी ही निदान है।*
*वो ठोकर भी बहुत अच्छी है*
*जो आपको गिराकर ही सही,*
*भगवान के सामने खड़ी कर दे.*
*लोग बुराई करें ..*
*और आप दुखी हो जाओ*
*लोग तारीफ करें ..*
*और आप खुश हो जाओ*
*मतलब आपके सुख दुख का*
*स्विच लोगों के हाथ मेँ है?*
*कोशिश करें ये स्विच*
*आपके हाथ में हो...*
*स्वयं की उन्नति में अधिक समय देंगे*
*तो दूसरों की निंदा करने का समय नहीं मिलेगा*
*छू ना सको आसमान तो ना सही*
*किसी के "दिल" को छूने का आनन्द भी..*
*आसमान छूने से कम नहीं !*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*उम्मीदें तैरती रहती हैं,*
*कश्तीयां डूब जाती है,*
*कुछ घर सलामत रहते हैं,*
*आँधियाँ जब भी आती है..!!*
*बचा ले जो हर तूफां से,*
*उसे "आस" कहते हैं...*
*बड़ा मज़बूत है ये धागा,*
*जिसे "विश्वास" कहते है...!!*
*समझदारी की बातें सिर्फ़*
*दो ही लोग करते हैं
*एक वो जिसकी उम्र और,,*
*तर्जुबा दोनो अधिक हो*
*और,,,एक वो जिसने बहुत कम उम्र में*
*अच्छा और बुरा दोनो वक़्त देखा हो*
*ऐसा ही सत्य कहना चहिए जो,,*
*दूसरों का,,,प्रसन्नता का कारण हो,*
*जो सत्य दूसरों के दु:ख का कारण हो,*
*उस सम्बन्ध में बुद्धिमान व्यक्ति को*
*मौन रहना चाहिए ।*
🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा,*
*ये दौलतें...*
*सब किरायेदार हैं,*
*घर बदलते रहते हैं..*
*मुस्कुराहट, अपनापन, स्वभाव*
*ये सब अपने हैं जनाब*
*इनसे ही हम सब फलते फूलते हैं।*
*इंसान' की सोच भी अज़ीब है,,*
*कामयाबी मिले तो अपनी अक्ल पर खुश होता है..और जब मुसीबत आये तो अपने नसीब को दोष देता है...*
*आज से बेहतर कुछ नहीं*
*क्योंकि कल कभी आता नहीं*
*और आज कभी जाता नहीं*
*ढलना तो एक दिन है सभी को*
*चाहे इंसान हो या सूरज*
*मगर हौसला सूरज से सीखो*
*रोज़ ढल के भी*
*हर दिन उम्मीद से निकलता है...*
🍁 *सुप्रभात* 🍁
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*अगर कोई आपकी उम्मीद से जीता है,*
*तो आप भी उसके यकीन पर खरा उतरिये*
*क्योकि इंसान उसी से उम्मीद रखता है*
*जिसको वो अपने सबसे करीब मानता है*
*माना कठिनाई आने से आदमी अकेला हो जाता है,*
*पर कठिनाई आने पर ही अकेला व्यक्ति मजबूत होना सीख जाता है!*
*मनुष्य को धोखा*
*मनुष्य नही देता है बल्कि*
*वो उम्मीदें धोखा दे जाती है,*
*जो वो दूसरों से रखता है।*
*ये ज़िन्दगी तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो है,*
*कुछ महकती है, कुछ मुरझाती है*
*और कुछ चुभ जाती है...*
*रिश्ता चाहे कोई भी हो...*
*हीरे की तरह होना चाहिए..दिखने में छोटा सा..परन्तु क़ीमती और अनमोल...!*
*दिल के रिश्ते तो किस्मत*
*से बनते है,*
*वरना मुलाकात तो रोज*
*हजारो से होती है..!!*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*गलती उसी से होती है जो काम करता है*
*निकम्मो की ज़िन्दगी तो*
*दुसरो की बुराई खोजने में ही*
*ख़त्म हो जाती है*
*आँख दुनिया की हर एक चीज देखती है*
*मगर जब आँख के अन्दर*
*कुछ चला जाए तो उसे नहीं देख पाती*
*बिल्कुल इसी तरह इंसान दूसरे की गलती तो*
*देखता है पर अपनी गलती उसे नजर नही आती है*
*निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को ना छोड़े*.
*क्योंकि*
*लक्ष्य मिलते ही निंदा करने वालों की राय बदल जाती है*
*फितरत तो कुछ यूं भी है,*
*इंसान की साहब,,*
*बारिश खत्म हो जाये तो छतरी बोझ लगती है*
*वक्त सिखा देता है इंसान को फलसफा जिंदगी का*
*फिर तो नसीब क्या..*
*लकीर क्या ...*
*और*
*तकदीर क्या ..*
🌺 *सुप्रभात* 🌺
प्रातः वंदन* 🙏🏽
*कौन हिसाब रखे*
*किसको कितना दिया*
*और कौन कितना बचायेगा*
*इसलिए ईश्वर ने आसान गणित लगाया*
*सबको खाली हाथ भेज दिया*
*खाली हाथ ही बुलायेगा*
*छोटी सोच*
*शंका को जन्म देती है....*
*और बड़ी सोच समाधान को...*
*सुनना सीख लो तो सहना सीख जाओगे,*
*और सहना सीख लिया तो*
*रहना सीख जाओगे।*
*अपनी नेकी छुपाना,*
*आपकी सोच का इम्तेहान है..*
*और दूसरों के गुनाह छुपाना..*
*आप के किरदार का इम्तेहान है*
*गलत सोच और गलत अंदाजा इंसान को*
*हर रिश्ते से गुमराह कर देता है।*
*जिनके उपर जिम्मेदारियों का बोझ होता है,*
*उनके पास रुठने और टूटने का समय नही होता..*
*अपनी ही ख्वाहिश के कुएं में रहनेवाले क्या जानें,,*
*औरों की खातिर जीना दरिया से समंदर होना है..*
🌻 *सुप्रभात* 🌻
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*पूरे समुंद्र का पानी भी*
*एक जहाज को नहीं डुबा सकता*
*जब तक पानी को जहाज*
*अन्दर न आने दे इसी तरह दुनिया का*
*कोई भी नकारात्मक विचार आपको*
*नीचे नहीं गिरा सकता,*
*जब तक आप उसे अपने*
*अंदर आने की अनुमति न दें।*
*अच्छा दिल और...*
*अच्छा स्वभाव दोनो आवश्यक है।*
*अच्छे दिल से कई रिश्ते बनेगे और*
*अच्छे स्वभाव से वो*
*जीवन भर टिकेगे*
*आपकी सोच ही*
*आपको बड़ा बनाती है...!!*
*यदि हम गुलाब की तरह*
*खिलना चाहते है तो,,,,*
*काँटों के साथ तालमेल की*
*कला सीखनी ही होगी*
🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*भाग्य उन्ही पर मेहरबान होता है जो*
*बाँहें चढाकर अपने कंधो को*
*कष्ट देने को तैयार रहते है*
*परिश्रम सौभाग्य की जननी है*
*देने के लिये दान लेने के लिये ज्ञान और*
*त्यागने के लिए अभिमान सर्वश्रेष्ठ है*
*तस्वीर के रंग चाहे जो भी हो*
*किन्तु मुस्कान का रंग*
*हमेशा खुबसूरत ही होता है*
*ज़िन्दगी में अगर कोई सबसे*
*सही रास्ता दिखाने वालाहै,*
*तो वो है अनुभव*
*दोस्त, किताब, रास्ता, और सोच!*
*गलत हों तो गुमराह कर देते हैं,*
*और सही हो तो जीवन बना देतें हैं !!*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*ज़मीन और मुक़द्दर की,*
*एक ही फितरत है,*
*जो भी बोया है, वो निकलना तय है.*
*फ़िल्टर किया गया पानी,*
*हमें रोगों से बहुत दूर रखता है और*
*फ़िल्टर की गई भाषा,*
*हमें स्वयं निर्मित समस्याओं से दूर रखती है*
*सुन्दर हो न हो,सादगी रहनी चाहिए..*
*खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए...*
*रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए..*
*मुलाकात हो न हो, बाते होनी चाहिए...*
*हंसते हुए लोगो की संगत*
*इत्र की दुकान जैसी होती है*
*कुछ न खरीदो तो भी,*
*रूह तो महका ही देती है*
🌻 *सुप्रभात* 🌻
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*छोटी छोटी खुशियाँ ही तो,,,*
*जीने का सहारा बनती हैं,*
*ख्वाहिशों का क्या? वो तो*
*पल पल बदलती हैं*
*ख्वाहिशो ने ही भटकाये है,*
*जिंदगी के रास्ते वरना,,,*
*रूह तो उतरी थी ज़मीं पे,*
*मँजिल का पता लेकर।*
*परीक्षा संसार की करें,*
*प्रतीक्षा परमात्मा की,*
*और समीक्षा अपनी करें।*
*पर हम....*
*परीक्षा परमात्मा की करते हैं,*
*प्रतीक्षा सुख की और......*
*समीक्षा दूसरों की करते हैं।*
*कर्म भूमि की दुनिया में,*
*श्रम सभी को करना है..*
*भगवान सिर्फ लकीरें देता है,*
*रंग हमें ही भरना है ।*
*खुद की "फ़िक्र" अक्सर*
*"तनाव" देती है,*
*दूसरों की "फ़िक्र" में कुछ*
*करके देखिए -"सुकून"- मिलेगा*
🌺 *सुप्रभात* 🌺
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*प्रसन्न व्यक्ति वह है जो*
*निरंतर स्वयं का*
*मूल्यांकन एवम् सुधार करता है*
*जबकि दुःखी वह है जो..*
*दुसरो का मूल्यांकन करता रहता है..*
*बहुत से रिश्ते इसलिए...*
*ख़त्म हो जाते है...क्योंकि.....*
*एक सही,बोल नहीँ पाता..*
*दूसरा सही समझ नहीँ पाता*
*मन खुश है....*
*तो एक बूँद भी बरसात है.....*
*दुखी मन के आगे....*
*समंदर की भी क्या औकात है...*
*बिन जले...*
*भभूति नहीं..*
*बिन चले...*
*अनुभूति नहीं..*
☘ *सुप्रभात* ☘
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*उस मुस्कान से खूबसूरत*
*और कुछ नहीं है.....*
*जो आंसुओं से संघर्ष कर आती है*
*अकाल पड़ा है पूरी दुनिया में*
*प्रेम,आदर और सम्मान का*
*क्योंकि लेना सभी चाहते हैं,*
*देना कोई नहीं चाहता....*
*कोई फूलों से सीखे सरफ़राजे़ ज़िन्दगी होना*
*वहीं से फिर महकते हैं*
*जहाँ से ख़ाक होते हैं........*
*एक दिन शिकायत हमें...*
*समय और संसार से नही स्वयं से होगी*
*कि,,,, ज़िंदगी सामने थी.....*
*और हम संसार में उलझे रहे*
🌸 *सुप्रभात* 🌸
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*न संघर्ष,,, न तकलीफें,,,,*
*फिर क्या मजा है जीने में*
*तूफान भी रूक जाएगा*
*जब लक्ष्य रहेगा सीने में*
*पसीने की स्याही से लिखे पन्ने*
*कभी कोरे नहीं होते*
*जो करते है मेहनत दर मेहनत*
*उनके सपने कभी अधूरे नहीं होते*
*कुछ अच्छा होने पर जो*
*इंसान सबसे पहले याद आता है*
*वो जिंदगी का सबसे कीमती*
*इंसान होता है*
*संघर्ष थकाता ज़रूर है,*
*पर हमें सुंदर भी बनाता है;*
*और..अंदर से मजबूत भी*
*किसी एक जगह*
*बहुत ही खूबसूरत शब्द लिखे थे*
*दुनिया में छोड़ने जैसा कुछ है तो*
*दुसरों से उम्मीद करना छोड़ दो*
*फिसलती रेत से,*
*सीख लो सबक जिन्दगी के
*
*जोर अपनी जगह होता है*
*और नजाकत अपनी जगह*
🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*वक़्त ही वो तराज़ू है साहिब,,,*
*जो बुरे वक़्त में,,,*
*अपनों का वजन बता देता है*
*जीवन में यही देखना महत्वपूर्ण नहीं कि...*
*कौन हमसे आगे है या कौन पीछे,*
*यह भी देखना चाहिए कि.....*
*कौन हमारे साथ है और..*
*हम किसके साथ*
*जुड़ना बड़ी बात नही,*
*जुड़े रहना बड़ी बात है.*
*सत्य शेर की तरह है...*
*इसे बचाने की जरूरत नहीं है,*
*इसे खुला छोड़ दो...*
*यह अपना बचाव खुद कर लेगा*
*जिन्दगी को खुला छोड़ दो* *जीने के लिए*
*बहुत सम्भाल के रखी चीज़*
*वक्त पर नहीं मिलती ...!!*
🌺*सुप्रभात🌺
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*जीवन को सुखी बनाने के लिए*
*चरित्र का बड़ा महत्व है*
*सच्चरित्रता मानवता की प्रतीक हैं*
*चरित्र की प्रौढ़ता मन को संबल देती हैं,*
*चरित्र धन हैं,*
*चरित्र पर दृढ़ रहने से मबोबल बढ़ता हैं*
*कठिन से कठिन परिस्थितियों में*
*हिम्मत न हारकर*
*आगे बढ़ने का साहस बना रहता हैं*
*मनुष्य का जीवन अनेक संस्कारो से*
*लिपटा बंधा होता है*
*ये अच्छे भी होते हैं और बुरे भी*
*शुभ कर्मों से ही शुभ संस्कारो का*
*सृजन होता है*
*ओर बुरे सँस्कार कटते हैं*
*निरन्तर अभ्यास के द्वारा जो अपने*
*मन को अनुशाषित रखने में सफल होते हैं*
*वे सहज ही सुखी रहते हैं।*
☘ *सुप्रभात* ☘
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*क्रोध सुख का सबसे बड़ा शत्रु हैं*
*क्रोध मनुष्य को विचारशून्य एवं
*शक्तिहीन कर देता है*
*जिस तरह तूफान का प्रबल वेग*
*बाग-बगीचा को झकझोर कर*
*उनका सौंदर्य नष्ट कर देता है,*
*उसी तरह क्रोध का तीव्रतम आवेग ब्यक्ति के तन-मन मे तूफान पैदा कर उससे कई अनर्थ करवा डालता है*
*क्रोध की अवस्था में मनुष्य के भीतर एक प्रचण्ड आवेग समाहित हो जाता हैं*
*परंतु,,, क्रोध उतरने पर आवेग की अवस्था मे किये गए कर्मो पर पश्चात्ताप कर वह लंबे समय तक दुखी होता रहता है।*
*उलझनों का बोझ,*
*दिल से उतार दो,*
*बहुत छोटी है जिन्दगी,*
*हँस के गुजार दो*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*आपको जीवन से...*
*जो कुछ भी मिलें उसे पचाना सीखे*
*क्योंकि...*
*भोजन न पचने पर रोग बढते है,*
*पैसा न पचने पर दिखावा बढता है,*
*बात न पचने पर चुगली बढती है,*
*प्रशंसा न पचने पर अंहकार बढता है,*
*निंदा न पचने पर दुश्मनी बढती है,*
*राज न पचने पर खतरा बढता है,*
*दुःख न पचने पर निराशा बढती है*
*और सुख न पचने पर पाप बढता है,*
*प्रकृति परमात्मा रूप हैं*
*यदि हर मनुष्य अपने को...*
*प्रकृति के अनुरूप ढाल ले*
*तो कभी दुखी नही हो सकता हैं।*
*चर्चा और निन्दा केवल सफल व्यक्तियों के भाग्य में होती है*
🌷 *सुप्रभात* 🌷
*प्रातः वंदन* 🙏🏽
*कर्म बढ़िया होने चाहिये,,,*
*क्योकि वक्त किसी का नहीं होता,*
*जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,*
*उंगली उठे तो बेइज्जती*
*और अंगूठा उठे तो तारीफ*
*अँगुठे से अँगुली मिले तो लाजबाब,*
*यही तो है जिंदगी का हिसाब,*
*सभी को सुख देने की क्षमता*
*भले ही आप के हाथ में न हो किन्तु*
*किसी को दुख न पहुँचे*
*यह तो आप के हाथ में ही है,*
*व्यक्तित्व की भी अपनी वाणी होती है,*
*जो कलम या जीभ के इस्तेमाल के बिना*
*लोगों के अंर्तमन को छू जाती है,*
*सब आपको प्रिय है*
*ये आपकी परख है*
*आप किसी को प्रिय हो*
*ये आपकी पहचान है*
🍁 *सुप्रभात* 🍁
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